Saturday, October 11, 2014

वैज्ञानिक दृष्टि से भीष्ण लेकिन बहुत बड़ा चक्रवाती तूफान नहीं- डॉ. जितेन्द्र सिंह

11-अक्टूबर-2014 19:04 IST
आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तट पर भूस्‍खलन होने की आशंका
The Prime Minister, Shri Narendra Modi chairing a emergency high-level meeting to review the preparedness for Cyclone HudHud, in New Delhi on October 11, 2014. (PIB)
नई दिल्ली: 10 अक्टूबर: (पीआईबी/ब्यूरो रिपोर्ट):
यह तस्वीर देशबन्धु से साभार 
संभावित चक्रवाती तूफान 'हुदहुद' के चलते आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तट पर भूस्‍खलन होने की आशंका है। इसे ध्यान में रखते हुए सेना ने अपनी कुछ टीमों को निम्‍नलिखित जगहों पर तैनात किया है:- 
() आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम और श्री काकुलम में आठ बचाव टीमें और इंजीनियरों के चार कार्यदल 
() गोपालपुर में आठ बचाव टीमें (सड़कों का रास्‍ता साफ करने वाली टीम भी शामिल) 
प्रभावित इलाकों में बहु पक्षीय तयारी कर ली गयी है। इस मकसद के लिए मानवीय सहायता, आपदा राहत, लोगों को बाहर निकालने और चिकित्सकीय सहायता के लिए नौसेना के चार जहाज पूरी तरह से तैयार हैं। इन जहाजों में अतिरिक्त गोताखोर, चिकित्सक, फैलने वाली रबर की नौकाएं, हेलीकॉप्टर और राहत सामग्री जैसे भोजन, टेंट, कपड़े, दवाएं और जैकेट मौजूद हैं। कुल मिलाकर हर ज़रूरत की सामग्री इन राहत दलों के पास है। 
अतिरिक्‍त संसाधनों को आपातकालीन उपयोग के लिए अलग से रखा गया है और जैसे भी हालात पैदा होंगे, उसी के अनुसार कदम उठाए जाएंगे। हालात पर लगातार करीबी नजर रखी जा रही है। 
यह वैज्ञानिक दृष्टि से भीष्ण लेकिन कोई बहुत बड़ा चक्रवाती तूफान नहीं-डॉ. जितेन्द्र सिंह 
श्री सिंह ने चक्रवाती तूफान में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए केन्द्रीय बलों की तैयारियों की समीक्षा की
विज्ञान और प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान के स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा विभाग के राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने देश के पूर्वी तट पर हुदहुद चक्रवाती तूफान को वैज्ञानिक शब्दावली के हिसाब से अत्यंत भीष्ण बताया लेकिन यह भी कहा कि यह निश्चित तौर पर बहुत बड़ा चक्रवाती तूफान नहीं है। उन्होंने बताया कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय से संबद्ध भारतीय मौसम विभाग पल-पल निगरानी रखे हुए है और उसने लोगों से अकारण बहुत ज्यादा दहशत में नहीं आने की अपील की है क्योंकि संबंधित विभाग किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक समेत सभी अधिकारी प्रभावित राज्यों आंध्र प्रदेश और ओडिशा के मुख्यमंत्री समेत प्रशासन से लगातार सीधे संपर्क बनाये हुए हैं। 

डॉ. सिंह ने बताया कि उनके विभाग ने लगभग पांच छः दिन पहले चक्रवाती तूफान आने का अनुमान व्यक्त किया था। इससे प्रशासन को संभावित प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का पर्याप्त समय मिल गया। इसके अलावा राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल को भी अपनी 20 टीमें तैनात करने का पर्याप्त समय मिला। इन टीमों में आवश्यता पड़ने पर राहत और बचाव कार्य के लिए 20-20 अधिकारी शामिल हैं। 

प्रभावित होने वाले जिलों के बारे में पूछे जाने पर डॉ. सिंह ने आंध्र प्रदेश में श्रीकाकुलम, विजयनगरम, विशाखापत्तनम, पूर्वी गोदावरी और ओडिशा में गंजम और गजपतिनगरम जिलों का उल्लेख किया। उन्होंने यह भी कहा कि ओडिशा के कोरापुट, मलकाजगिरी, रायगढ़ और कालाहांडी जिले भी प्रभावित हो सकते हैं। 

डॉ. सिंह ने कहा कि हुदहुद में तेजी आने की उम्मीद है और कल दोपहर बाद 185 किलोमीटर प्रतिघंटा हो सकती है। इस सूचना को संबंधित राज्यों को फौरन बता दिया गया। जिसके बाद अकेले विशाखापत्तनम जिले से 24,000 लोगों को सुरक्षित जगह पर ले जाया गया। 

डॉ. सिंह ने कहा कि उन्हें ओडिशा और आंध्र प्रदेश की राज्य सरकारों ने यह सूचित किया है कि सेना व नौ सेना को आवश्यकता पड़ने पर तैयार रखा गया है । इसके अलावा गौताखोरों के दलों को अतिरिक्त राहत सामग्री के साथ कम समय में कार्रवाई करने के लिए मुस्तैद रहने को कहा गया है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि सभी संबंधित विभागों की इस तरह की तैयारियों से चक्रवाती तूफान का प्रभाव सीमित किया जा सकेगा और यह कोशिश की जाएगी कि कम से कम नुकसान हो। उन्होंने यह आगाह किया कि उत्तर प्रदेश बिहार और झारखंड जैसे पड़ोसी राज्यों में भी तूफान के बाद भारी बर्षा हो सकती है। 
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